अंधक

1. पौराणिक अनुश्रुति के अनुसार कश्यप और दिति का पुत्र एक दैत्य, जिसके हजार सिर, दो हजार भुजाएं, दो हजार आंखें और दो हजार पैर थे। अि सहते हुए भी घमंड में पूरा, अंधों को तरह चलने के कारण अंधक कहलाया। स्वर्ग से पारिजात वृक्ष लगाते समय शिवजी के हाथों मारा गया। उसने शिव के मस्तक पर गदा से प्रहार किया जिसमे पांच भैरव उत्पन्न हुए और उन्होंने इसका काम तमाम किया।

2. सुधारित नामक यादव का पुत्र जो यादवों को अंधक शाखा का पूर्वज और प्रतिष्ठाता माना जाता है। अधिक से यादवों की अंधकों को शाखा और इसके भाई वृष्णि से वृष्णियों की शाखा चली। इन दोनों गणराज्यों के मिल जाने से बाद में ‘अंधक-वृष्णि संघ स्थापित हुआ।

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